Thursday, November 6, 2008

हिन्दी?

देवनागरी में अरबी फ़ारसी आंग्ल के शब्दों को लिखना या पढ़ना क्या हिन्दी है? 
सुन्दर सरस सरल सशक्त भाषा के शब्दों को बिसराना और् इठलाना क्या हिन्दी है? 
मन्दिर को बुतख़ाना कह कर देवालय की शुचिता मर्यादा के प्रति अपमान जताना क्या हिन्दी है? 
गंगा की पावनता भूल के आबोजमजम लेकर आना क्या हिन्दी है? 
हिन्दु को क़ाफ़िर कहना या फ़िर हिन्दु को धर्म शब्द का अर्थ सिखाना क्या हिन्दी है? 
या मन्दिर में मदिरालय को स्थापित करके स्वयंसिद्ध सैक्युलर कहाना, ये हिन्दी है!

क्या हिन्दी के अपने कोई शब्द नहीं हैं? 
क्या भाषा की शुचिता का कुछ मर्म नहीं है? 
क्या हमने सीखा है केवल परकीयों से, 
अथवा हमको आती कोई शर्म नहीं है??

हिन्दी भारत की हिन्दु की भाषा है, 
हिन्दी से ही निज गौरव की आशा है। 
हिन्दी का श्रृंगार है जननी संस्कृत से,
परकीयों की भाषा घोर निराशा है।।

आओ हिन्दी को पावन समृद्ध बनाएं, 
अपनी संस्कृति निज गौरव का दीप जलाएं। 
ये सम्भव होगा केवल निष्ठा श्रद्धा से, 
निज भाषा का आओ मिलकर मान बढ़ाएं॥

About Me

My photo
डॉ. जय प्रकाश गुप्त शिक्षा- चिकित्सा- स्नातक (महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक) पर्यावरण (Environmental Education)- परास्नातक (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र) पत्रकारिता (Journalism & Mass Comm)- परास्नातक (कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र) PGDT (KUK) चिकित्सकीय वृत्त- Intern- श्री मस्तनाथ सामान्य चिकित्सालय, अस्थलबोहर (रोहतक), सामान्य अस्पताल, अम्बाला छावनी | चिकित्साधिकारी (पूर्व)- जनलाभ धर्मार्थ चिकित्सालय, अम्बाला छावनी, सेवा भारती चिकित्सालय अम्बाला छावनी | चिकित्सक- भगवान महावीर धर्मार्थ चिकित्सालय, अम्बाला छावनी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अम्बाला छावनी | लेखकीय वृत्त- संपादन- महाविद्यालय पत्रिका (आयुर्वेद प्रदीप)- छात्र संपादक (English Section), INTEGRATED MEDICINE (Monthly Medical Magazine) प्रकाशन- कविता- लेख- कहानी- व्यंग्य अनेकों पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित; चिकित्सा, शिक्षा, धर्म, संस्कृति, मनोविज्ञान विषयक १६ शोधपत्र प्रकाशित | समीक्षा- अनेकों कविता संग्रह, लेखमाला ग्रंथों की समीक्षा | अमृतकलश चिकित्सालय, हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, अम्बाला छावनी | ईमेल- chikitsak@rediffmail.com, c